en.wikipedia.org/wiki/na...

यहाँ आपके लिए श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी (जन्म: 17 सितंबर 1950) की जीवनी प्रस्तुत है,


इसमें उनके प्रारंभिक जीवन से लेकर प्रधानमंत्री पद तक के सफर को हिंदी में समझाया गया है, जिसमें उपलब्ध प्रामाणिक सन्दर्भों का उपयोग किया गया है।


1. प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि 

नवोदित भारत के पहले प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा ज़िले के वडनगर गाँव में हुआ। वे इंदिरा गांधी की हत्या के तीन वर्ष बाद पैदा हुए—इसलिये वे स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले प्रधानमन्त्री बने । उनके पिता डामोदरदास मूलचंद मोदी एक मामूली चाय विक्रेता थे और माँ हिरेबेन एक गृहिणी।

मोदी जी 6 भाई–बहनों में तीसरे थे। बचपन में ही उन्होंने पिता का हाथ बँटाया—वडनगर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर चाय बेचते । स्कूल में औसत छात्र लेकिन तर्कशक्ति और बहस में निपुण, वे पुस्तकालय में अक्सर समय बिताते थे । बचपन से ही उनमें स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा और आध्यात्मिक रुचि विद्यमान थी ।

RSS की दुनिया में पहला कदम
8 वर्ष की आयु में मोदी जी आरएसएस की शाखा से जुड़े और लक्सर मन्राओ इनामदार (वकील साहेब) उनके मार्गदर्शक बने । किशोरावस्था में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के गतिविधियों से वे जुड़ गए । 1967 में उन्होंने वडनगर से माध्यमिक शिक्षा पूरी की।

17 वर्ष की आयु में उनका विवाह जशोदाबेन चिमनलाल मोदी से हुआ, लेकिन बाद में वे व्रती जीवन चुनना चाहते थे और यह विवाह सार्वजनिक रूप से नहीं बताया गया (en.wikipedia.org)।

वहीं, 1968–69 के बीच वे देश भ्रमण पर निकले—उत्तर भारत, हिमालय, रिवायतों और रामकृष्ण आश्रमों की यात्रा की—जिससे उनमें स्पष्ट दृष्टिकोण विकसित हुआ ।


2. शिक्षा और आरएसएस से जुड़ाव 

शिक्षा:

  • बीए (राजनीति विज्ञान), दिल्ली विश्वविद्यालय, 1978 (करस्पोंडेंस), प्रथम श्रेणी ।

  • एमए (राजनीति विज्ञान), गुजरात विश्वविद्यालय, 1983 (डिस्टेंश), प्रथम श्रेणी ।

  • हालांकि, उनकी डिग्रियों को लेकर कुछ RTI विवाद भी है—दिल्ली विश्वविद्यालय ने 1978 की BA प्रमाणित की, पर MA विषयों पर तालमेल न होने की चर्चाएँ रहीं (en.wikipedia.org)।

आरएसएस सक्रियता:

1971 में मोदी जी RSS प्रचाराक बने और आरएसएस की शाखा का दैनिक प्रशिक्षण ग्रहण करने लगे । तत्कालीन इमरजेंसी (1975‑77) में वे भूमिगत रहे, और उन्होंने “Struggle in Gujarat” विषय पर लिखा (lemonde.fr)।

इन वर्षों में इनामदार साहेब के साथ उनका संबंध गहरा हुआ; मोदी द्वारा लिखा "सेतुबंध" और "ज्योति पुंज" जैसे ग्रंथों में इनामदार का उल्लेख है ।


3. राजनीतिक आरंभ—बीजेपी में प्रवेश (1987–2001) 

संगठन संरचना में उत्कृष्टता:

1987 में मोदी जी ने RSS के समर्थन से बीजेपी का दायित्व ग्रहण किया (pmindia.gov.in)। 1988 में गुजरात भाजपा के महामंत्री, फिर 1995 में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बने ।

यह समय उनकी रणनीति और संगठन क्षमता प्रदर्शित करने का रहा। अहमदाबाद नगर निगम चुनाव में पहली विजय से बीजेपी का जनाधार मजबूत हुआ । 1990 विधानसभा चुनावों में बीजेपी कांग्रेस के करीब पहुँची ।

1995 में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पद पर नियुक्त हुए, और 1998 लोकसभा चुनावों में पार्टी की रणनीति तैयार की । उनकी संगठनात्मक कुशलता ने उन्हें केंद्र की राजनीति में पहचान दिलायी।


4. मुख्यमंत्री गुजरात: विकास व विवाद (2001–2014) 

मुख्यमंत्री का आगमन:

7 अक्टूबर 2001 को गुजरात में CM केशुभाई पटेल के इस्तीफे के बाद मोदी जी को CM बनाया गया । 2002 में राजकोट II उपचुनाव में उनका चुनाव हुआ ।

गुजरात मॉडल:

आर्थिक उदारीकरण, निवेश, बुनियादी ढाँचा, ऊर्जा और औद्योगिक विकास को उन्होंने प्रमुखता दी ।

वे तीन बार सतत विजयी रहे—2002, 2007, 2012 विधानसभा चुनाव । BJP का वर्चस्व बना रहा।

2002 दंगा विवाद:

2002 में गोधरा ट्रेन कांड के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें मुख्यतः मुस्लिम समुदाय को क्षति पहुंची। उन पर निंदा और दोषारोप लगे; यूएसए ने उनकी वीज़ा अर्ज़ी अस्वीकार की और ब्रिटेन ने भी आलोचना की । सुप्रीम कोर्ट व एजेंसियों ने मोदी को दोषमुक्त किया, हालाँकि उनको हीन-अदालत निर्णय नहीं मिला ।

प्रशासन और पुनरोंग्रहण:

उनके कार्यकाल में पुलिस द्वारा नकली मुठभेड़ों की आरोप जुड़े—2004 में लश्कर की कथित हत्या में मंत्रीशाही शामिल थी ।

उपलब्धियाँ:

  • आधारभूत संरचना में सुधार, बिजली, सड़कों, पानी, औद्योगिक निवेश में तेजी।

  • रोजगार, MSME, विदेशी निवेश, विनिर्माण को बढ़ावा ।

  • Time, India Today, Forbes जैसे संस्मरणों में 'बेस्ट CM' और 'पॉवरफुल पर्सन' में शुमार ।


5. प्रधानमंत्री की ओर: 2014–2024 

2014 का लोकसभा:

2014 लोकसभा चुनावों में मोदी जी की ‘चेंज एजेंडा’ एवं 'गुजरात मॉडल' का वादा जनता को आकर्षित किया। BJP ने स्पष्ट बहुमत से जीत हासिल की और मोदी 26 मई 2014 को PM बने ।

शासन रणनीतियाँ:

  • JAM ट्रिनीटी (जन-धन, आधार, मोबाइल) को डिजिटल भुगतान, वित्तीय समावेशन का मुखिया बनाया ।

  • स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, PM किसान, ई–नाम जैसे जनकल्याणकारी योजनाएँ लागू ।

2019 का पुनर्निर्वाचन:

2019 में फिर से BJP ने बहुमत से जीत हासिल की। नई नीतियों और जनहित मुद्रा योजनाओं ने इसे संभव बनाया ।

2024 और फिर से प्रधानमंत्री:

2024 में NDA गठबंधन ने 293 सीटें जीती और मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने (9 जून 2024 से कार्यभार) (britannica.com)।

वैश्विक स्तर पर भारत:

  • आंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA), विदेश निवेश, जलवायु परिवर्तन में कुरुक्षेत्र पहल ।

  • विश्व बैंक, G20, QUAD, I2U2 इंफ्रास्ट्रक्चर व निवेश को बढ़ावा ।

आलोचनाएँ:

  • धर्मनिरपेक्षता पर असर: RSS प्रभाव, राष्ट्रीय नागरिक कानून, कश्मीर की स्थिति, अल्पसंख्यक सुरक्षा – ये सभी विवादास्पद रहे ।

  • व्यक्तित्त्व पंथ: मोदी के सार्वजनिक चित्रण और मीडिया/भक्त मंडल ने उनके व्यक्तित्त्व को पूजा मान लिया—इस पर “cult of personality” आलोचना ।


6. कार्यशैली, नीतियाँ और उपलब्धियाँ

शासन पद्धति:

  • “कम, पर तेज़” मंत्र के साथ मोदी जी ने डिजिटल, ई–गवर्नेंस को अंगीकार किया।

  • मंत्रालयों का पुनर्गठन—विकास, अंतरिक्ष, परमाणु उर्जा, जन शिकायत जैसी विभागों का निर्माण ।

प्रमुख योजनाएं:

  • डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया – स्थानीय उत्पादन व तकनीकी आत्मनिर्भरता पर जोर।

  • आयुष्मान भारत – दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ।

  • स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, PM किसान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, गजल आदि ।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, सड़कों, इंटरनेट और बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाना।

विदेश नीति:

  • दृढ़ वैश्विक उपस्थिति—QUAD, BRICS विस्तार, SAARC पर सुधार, फ्रांस और यूएस से रक्षा समझौते।

  • दक्षिण एशिया में हिंद महासागर की भूमिका मजबूत की।

  • शिखा शक्ति से भारत को ऊर्जा, तकनीक, जैवि विविधता में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनाया।

आर्थिक संकेतक:

  • Ease of Doing Business में भारत की रैंक में उल्लेखनीय वृद्धि।

  • FD ओर घरेलू विनिर्माण में निवेश में तेजी।

  • कोविड–19 महामारी में भारत की रणनीति, टीकाकरण अभियान (वैक्सीन मैत्री) - विश्व स्तर पर सराहनीय ।


7. विवाद और आलोचनाएँ 

सामाजिक व धार्मिक आरोप:

  • RSS के प्रभाव और हिंदुत्व आधारित नीतियों से धर्मनिरपेक्षता पर सवाल ।

  • नागरिकता (संशोधन) कानून, NRC, कश्मीर पुनर्गठन इत्यादि नीति विवाद।

अभिव्यक्ति व प्रेस की स्वतंत्रता:

  • मीडिया पर दबाव, आलोचना करने वालों को "ख़लनायक" कहने की प्रवृत्ति ।

व्यक्तिगत पंथ:

  • व्यापक प्रचार, बड़े स्तर की रैलियाँ, भक्त मंडलों से समर्थकों ने "मोदीजी की पूजा" का रूप दिया, और विरोधियों का आरोप है कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करता है ।


8. व्यक्तिगत जीवन और मूल्य 

सादा जीवनशैली:

मोदी जी स्वयं को सन्यासी मानकर जीते हैं—वक्त पर चले जाते, भव्य समागमों में "रेटी पर सोयें" जैसे वाक्यों से जनसंवाद बनता है।

वे शायर, गजल प्रेमी, कविता पाठक, योग व ध्यान अनुयायी माने जाते हैं। आध्यात्मिकता में विश्वास—विशेषकर विवेकानंद की विचारधारा से प्रभावित ।

उनके पास एकत्रित पूंजी लगभग ₹3 करोड़ (2024 चुनाव, कृषि साल में रु. 2.85 करोड़ FDs) – चल-अचल संपत्ति नहीं ।

परिवार:

जशोदाबेन से उनका विवाह 1968 में हुआ, विभक्त जीवन रहे, 2014 में स्वीकृत किया । माता-पिता और भाई-बहनों का उनके जीवन-प्रेरणा स्रोत रहा।


9. पुरस्कार व अंतरराष्ट्रीय सम्मान 

मोदी जी को अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाज़ा गया:

  • कुवैत ऑर्डर ऑफ़ मुबरक अल-कबीर (2024) ।

  • Time, Forbes, Fortune द्वारा विश्व के प्रभावशाली नेताओं में शामिल (oneindia.com)।

  • विश्व बैंक और अन्य मंचों पर “विकासप्रधान क्रांति” की प्रशंसा ।

उन्होंने कई संस्थानों के मानद डिग्री ऑफर स्वीकार नहीं की—जैसे BHU, Southern University ।


10. भविष्य और विरासत 

दीर्घकालीन दृष्टिकोण:

  • PM मोदी 20-वर्षीय दृष्टिकोण के साथ योजनाएँ संचालित कर रहे हैं ।

  • हिन्दुत्व आंदोलन, आर्थिक और सांस्कृतिक अस्मिता को जोड़ कर नई भारत की पहचान बनाने का प्रयास।

चुनौतियाँ:

  • धर्मनिरपेक्षता, अल्पसंख्यक विश्वास, मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंताएँ।

  • जलवायु परिवर्तन, समानता, बेरोज़गारी, गरीबी और स्वास्थ्य देखभाल में सुधार की आवश्यकता बनी हुई है।

विरासत:

मोदी अपने नेतृत्व में विकास, डिजिटल इंडिया, वैश्विक उपस्थिति और हिन्दुत्व-संस्कृति को जोड़ने वाली छवि से इतिहास में दर्ज होंगे। उनके समर्थकों को विश्वास है कि उन्होंने देश की गति और आत्मविश्वास को बदल दिया—‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्वच्छ भारत’ जैसे
ब्रांड बने।

विरोधियों का तर्क है कि लोकतंत्र का अंगूठा थोड़ा सा सिकुड़ गया है—अल्पसंख्यक संगठनों की स्वतंत्रता, प्रेस विमर्श, नागरिक अधिकारों के आदेशों में कटौती हुई है।


11. निष्कर्ष 

नरेंद्र मोदी की यात्रा—वडनगर की एक सामान्य चाय वाले का बेटा से भारत के सर्वोच्च पद तक—अद्भुत प्रेरक है। 1971 से RSS प्रचारक, गुजरात के संगठन खंभे कार्यक्रमकार हुए, CM और फिर PM—उनका सफर सामाजिक, प्रशासनिक, आर्थिक और वैश्विक संघर्षों से भरा है।

उनकी नीतियाँ—JAM, स्वच्छ भारत, मुद्रा, डिजिटल इंडिया—राष्ट्रीय-आर्थिक बदलाव की नींव बनीं। वैश्विक मंच पर भारत सुनिश्चित स्थिति में पहुंचा। किन्तु, उनकी हिन्दुत्ववादी रुख, धर्मनिरपेक्ष ध्वजा पर उंगली, प्रेस स्वतंत्रता पर सवाल, और तानाशाही के आरोप भी पीछे नहीं रहे।

जैसे जैसे भारत विकसित हो रहा है, पीएम मोदी की विरासत—एक विकासवादी, संस्कृतिक राष्ट्रवादी और डिजिटल अग्रदूत—इतिहास के पन्नों में दर्ज होगी। आज, 2025 में उनकी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की स्थिति ने नए अध्याय लिखे हैं। अगला दशक बताएगा कि क्या उनका मॉडल “सफल राष्ट्रनिर्माणी” की परिभाषा बन पाता है, या इसकी सीमाएं दिखेंगी।


--- समापन ---

यह जीवनी नरेंद्र मोदी जी के जीवन, कार्यशैली, नीतियों, आलोचनाओं और भविष्य की संभावनाओं को एकसाथ समेटती है। यदि आप इनमें से किसी विशेष पहलू—जैसे संघ कॉनेक्शन, विदेश नीति, सामाजिक विवाद, योजनाओं का विश्लेषण, या व्यक्तिगत दर्शन—पर गहराई चाहिए तो मैं उसे जोड़ सकता हूँ।

Comments

Popular posts from this blog

GTBS ECOSYSTEM IN DETAILS

जीटीबीएस पारिस्थितिकी तंत्र का विवरण